
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर अब श्रद्धालु और यात्री काशी की पावन संस्कृति की झलक वैसे तो पूरी काशी पावन धरती पर देखने को मिलता है काशी के हृदय कहे जाने वाले गोदौलिया और गुरुधाम चौराहे पर पहले से स्थापित है सर सही गुजरिया एक कपड़े की शोरूम के अंदर फिर नदी देवता साक्षात दुकान खुलती ही दुकान में आए जाते हैं और दुकान बंद होने से पहले भी दुकान से चले भी जाते हैं,अब स्टेशन परिसर में भी देख सकेंगे। स्टैच्यू के चारों ओर लोहे की चादरों से घेरा बनाकर इसे एक सुरक्षित और भव्य रूप दिया जाएगा ।भारतीय रेल द्वारा एक नई पहल के तहत स्टेशन परिसर में भगवान शिव के प्रिय वाहन, नंदी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस प्रतिमा को स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार के पास स्थापित किया जाएगा, जिससे यात्रियों का स्वागत अब एक धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव से होगा।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण’ अभियान का हिस्सा है, जिससे काशी के धार्मिक महत्व को और अधिक सशक्त रूप में प्रस्तुत किया जा सके। नंदी की प्रतिमा संगमरमर से बनी होगी और इसे पारंपरिक कारीगरों द्वारा निर्मित किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों और यात्रियों में इस फैसले को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। उनका मानना है कि इससे वाराणसी कैंट स्टेशन न सिर्फ एक परिवहन केंद्र रहेगा, बल्कि काशी की आध्यात्मिक ऊर्जा को भी महसूस करने का स्थान बनेगा।
रेल प्रशासन ने यह भी बताया कि स्टेशन परिसर में अन्य सौंदर्यीकरण कार्य भी किए जा रहे हैं, जिनमें म्यूरल पेंटिंग्स, हरियाली और डिजिटल सुविधाएं शामिल हैं। आज के डिजिटलई दुनिया में साथ हि फ़ोटो ले कर रील वीडियो बनाने का लुफ्त उठा सकेंगे
नंदी की प्रतिमा की स्थापना न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ी पहल है, बल्कि यह काशी के गौरवशाली इतिहास और परंपरा को जीवंत रखने का भी प्रयास है। यह वाराणसी कैंट स्टेशन को यात्रियों के लिए एक यादगार अनुभव में बदल देगा।