
वाराणसी “चेंजमेकर्स डे” के एक विशेष संस्करण का आयोजन किया गया .दिल्ली पब्लिक स्कूल, वाराणसी ने एक बार पुनः यह सिद्ध कर दिया है कि वह न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि छात्रों के समग्र विकास हेतु भी सतत प्रयासरत तो है ही। साथ ही साथ सामाजिक तथा पर्यावरण की समस्त चुनौतियों के प्रति जागरूक है।
दिल्ली पब्लिक स्कूल, वाराणसी जहाँ विज्ञान, तकनीकी, अंतरिक्ष, संस्कृति और नैतिक मूल्यों के समन्वय से बच्चों की समस्त प्रतिभाओं का समुचित विकास कर रहा है वहीं सभी क्षेत्रों में चाहे वह परिवार हो,समाज हो,पर्यावरण हो सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में नवीन आयामों को गढ़ रहा है, जिससे वे भविष्य के सक्षम,समर्थ नागरिक बनें। src=”https://livenewsabhitak.com/wp-content/uploads/2025/06/IMG-20250618-WA0013-300×200.jpg” alt=”” width=”300″ height=”200″ class=”alignnone size-medium wp-image-2039″ />
आज का यह आयोजन इन्हीं उद्देश्यों को लिए हुए विद्यालय के विज़न की रुपरेखा को साकार करने की दिशा में एक और कदम रहा। सतत् विकास लक्ष्य के उपक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा। विद्यालय ने विगत 22 वर्षों से युवाओं के मन में प्रेरणा और उत्कृष्टता की भावना को पोषित किया है,जिसकी एक श्रृंखला सम्पूर्ण धरती में सकारात्मक परिवर्तन निर्माण लाना है। विद्यालय शिक्षा से लेकर पर्यावरण तक की यात्रा में नवीन अवसरों, संकल्पनाओं हेतु प्रतिबद्ध रहा है।
इसी उद्देश्य से वाराणसी के बहुविकल्पीय सभागार में एक भव्य एवं प्रेरणास्पद समारोह का आयोजन किया गया। यह केवल एक कार्यक्रम नहीं था, अपितु एक प्रेरणा,नेतृत्व के बीजों को चेतना की मिट्टी में बोने की एक समर्थ ,संकल्प यात्रा थी|
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इस अवसर पर कार्यक्रम के साक्षी बने- डीएफओ स्वाति सुमन श्रीवास्तव (आईएफएस), प्रोफेसर, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू), वाराणसी, संकट मोचन मंदिर के महंत और संकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर विश्वंभर नाथ मिश्रा, 137 सीईटीएफ 39 जीआर गंगा टास्क फोर्स के इंचार्ज सूबेदार देवेंद्र बसनेट, सेवापुरी और उच्च शिक्षा के मुख्य संबद्ध अधिकारी डॉ. सुधा पांडेय, आर्कियोलॉजीस्ट एएसआई सारनाथ संजय कुमार सिंह, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ब्रिंची कुमार शर्मा, रोटेरियन पीडीजी आरटीएन उत्तम कुमार अग्रवाल, राउंड टेबल शोभित कृष्णा, राउंड टेबल बीएन आई अर्चित अग्रवाल, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बीएन आई वाराणसी आयुष नरसारिया, तथा तबला मास्टर बद्रीनारायण । आप सभी की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों के ‘स्वागतम्’ से हुई, जिसमें विद्यालय के विद्यार्थियों ने पारंपरिक भाव-भंगिमा और मधुर मुस्कान के साथ मुख्य अतिथियों, शिक्षकों, अभिभावकों और आगंतुकों का हृदय से अभिनंदन किया। इसके बाद ‘शंखनाद’ की गूंज ने पूरे वातावरण को ऊर्जा और उत्साह से भर दिया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी थी दीप प्रज्ज्वलन की ।इस अवसर पर विद्यालय के सभी गणमान्य अतिथियों ने श्लोक के मधुर स्वर पर मिलकर दीपप्रज्ज्वलित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान विनायक की आराधना संकट नाशक गणेश स्तोत्रम् से हुआ। भावपूर्ण आराधना की यह प्रस्तुति विद्यालय की छात्रा इक्षिता पाठक , और छात्र समूह द्वारा की गई। कार्यक्रम के अगले चरण में विद्यालय के पूर्व निदेशक पंकज राजगढ़िया तथा वर्तमान निदेशक सिद्धार्थ राजगढ़िया के द्वारा अतिथियों का स्वागत और सम्मान पौधों तथा स्मृति चिह्न प्रदान कर किया गया।
सभी अतिथि जिन्होंने वाराणसी शहर में रह कर चेंज मेकर्स की भूमिका निभाई है और निभा रहे हैं। परिवर्तन को चुनौती की तरह स्वीकार करने वाले अपने क्षेत्र के शीर्ष व्यक्तित्व जो एक टीम के रूप में कार्यरत हैं। ये सभी शीर्ष व्यक्तित्व डायनमिक चेंज मेकर बन पर्यावरण संरक्षण, परिवर्तन में सहभागी बने और बन रहे हैं।
तदोपरांत प्रकृति और पर्यावरण की सुरक्षा हेतु सभागार में उपस्थित जनसमुदाय को शपथ दिलाई गई
अतिथि संवाद के क्रम में सभागार को संबोधित करते हुए सम्मानित चेंज मेकर्स ने अपने अपने विचार रखे-
स्वाति सुमन श्रीवास्तव ने एसडीजी, पर्यावरण संरक्षण, गंगा स्वच्छता अभियान में व्यावहारिक योगदान पर बल दिया और बताया कि छात्रों के सहयोग के बिना यह संभव नहीं।
ब्रिंची कुमार शर्मा ने विद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि यह विद्यालय कैसे अपनी अलग पहचान रखता है। उन्होंने विद्यालय के माइक्रो स्तर पर लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करने की सराहना की।
अर्चित अग्रवाल ने कहा कि सोशल वर्कर के रूप में काम करना अलग महत्व रखता है। आप समाज को कुछ देते हैं और समाज आपको बहुत कुछ देता है।
प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्रा ने आज के शिक्षा क्षेत्र में हो रहे बदलाव को बताया। उन्होंने कहा कि डीपीएस वाराणसी इस दिशा में नये प्रतिमान स्थापित कर रहा है।
शोभित कृष्णा ने विद्यालय के चेंज मेंकर कार्यक्रम की सराहना की। एनवायरमेंटल, नेचर के साथ जुड़े रहने की बात कही। वहीं अर्चित अग्रवाल ने मार्केटिंग, सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर बल दिया।
अमर अग्रवाल ने व्यवहारिक जीवन में पौधा रोपण कार्य करने की सलाह दी। विद्यालय के 22 वर्षों में एक वटवृक्ष बन जाने की सराहना की।
वहीं उत्तम कुमार अग्रवाल ने कहा कि एक साथ मिलकर ही दुनिया में बदलाव लाया जा सकता है।
डॉ सुधा ने विद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने की सराहना की। वहीं सूबेदार देवेंद्र बसंनेत ने एक पेड़ मां के नाम की सार्थकता बताई और उपहार स्वरूप वृक्ष भेंट करने की बात कही।
इसके उपरांत विगत 22 वर्षों की सतत् विकास लक्ष्य की सफल प्रगतिशील यात्रा को वीडियों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। उपस्थित अतिथियों, अभिभावकों की करतल ध्वनि और मंत्रमुग्ध भंगिमा इस सुखद परिवर्तन प्रयास की कथा कह रहा था।
तत्पश्चात अविस्मरणीय असाधारण क्षणों को यूट्यूब के जरिए दर्शाया गया और इस यात्रा के क्षणों को पुनः जीवंत किया गया।
इसी क्रम में विद्यालय ने इन वर्षों में अपनी अलग ,विशिष्ट पहचान बनाते हुए विश्व के प्रसिद्ध दस विद्यालयों की पहली पंक्ति में अपना प्रथम स्थान प्राप्त करने का गौरवशाली इतिहास रचा है, इस घोषणा के साथ ही पूरे सभागार में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई। और Together we can change the world गीत के धुन पर सभी दर्शक करतल ध्वनि करते हुए झूम उठे।
वहीं विद्यालय के निदेशक सिद्धार्थ राजगढ़िया ने एसडीजी सेव द वर्ल्ड का नारा दिया। उन्होंने कहा कि हमारे विद्यालय ने इस कार्य को विश्व स्तर पर शुरू किया है। हमारे बच्चे विश्व के कई स्कूलों के बच्चों के साथ जुड़ कर काम कर रहे हैं। इससे बच्चों में काफी बदलाव आया है। इस खुशी के अवसर पर अभिभावकों की उपस्थिति पर अपनी खुशी जाहिर की और गणमान्य व्यक्तित्वों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने वरिष्ठ शिक्षक सुनंदा पाण्डेय और काजल के द्वारा इस क्षेत्र में किए गए कार्यों की सराहना की।
यह आयोजन न केवल एक मील का पत्थर है, बल्कि एक आंदोलन भी है जो डीपीएस परिवार के समर्पण, नवाचार और भावना का सम्मान करता है। एक समुदाय ,जो उद्देश्य और प्रगति पर आधारित है, जिसमें वैश्विक नागरिकों के विकास से लेकर सतत विकास के लिए एसडीजी स्कूल के रूप में चैंपियन बनने तक की यात्रा का सम्पूर्ण विवरण प्रस्तुत किया गया । दिल्ली पब्लिक स्कूल, वाराणसी ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के भीतर आत्म-विश्वास, जिम्मेदारी, सेवा-भाव और सांस्कृतिक चेतना, नवीन परिवर्तन का समावेश है।
इस भव्य आयोजन में विद्यालय के पूर्व निदेशक पंकज राजगढ़िया,वर्तमान निदेशक सिद्धार्थ राजगढ़िया, विद्यालय की प्रधानाचार्या मुनमुन सेन गुप्ता, सभी शिक्षकगण, विभिन्न विंगों की समन्वयिकाएँ, अभिभावकगण एवं विशिष्ट अतिथियों तथा चेंजमेकर्स टीम के सभी सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर इस समारोह को एक प्रेरक, स्मरणीय और मार्गदर्शक आयोजन का स्वरूप प्रदान किया।
विद्यालय के निदेशक सिद्धार्थ राजगढ़िया, प्रिंसिपल लर्नर इंचार्ज मुनमुनसेन गुप्ता और छात्रों ने संबोधित किया। सभी ने विद्यालय के पुरानी और नई पहल, नई पहचान को रेखांकित किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की छात्रा आद्या चतुर्वेदी एवं यशस्विनी सुरेका ने किया। कार्यक्रम का समापन ‘धन्यवाद ज्ञापन’ के साथ हुआ, जिसमें मंच, परदे के पीछे, और दर्शकों में बैठे सभी सहभागी जनों के प्रति आभार प्रकट किया गया। फिर अतिथियों ने प्रतीक स्वरूप नीम के पौधों का रोपण किया। वंदे मातरम् राष्ट्रीय गीत के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई।