

*आध्यात्मिक आनन्द प्राप्त करने हेतु बदरीनाथ धाम की यात्रा करना जरूरी है-ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी
आज वैशाख शुक्ल सप्तमी को प्रातः 6 बजे भूवैकुण्ठ के सर्वस्व भगवान बदरीनाथ जी के कपाट का उद्घाटन हो गया । कपाट खुलने के पूर्व धर्माधिकारी श्री राधाकृष्ण थपलियाल जी द्वारा पंचांग पूजन सम्पन्न किया गया । फिर तय समय पर मन्दिर द्वार खोल दिए गए ।

ज्योतिर्मठ के 55 वें शंकराचार्य ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिषपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज इस अवसर पर उपस्थित रहे।

इस अवसर पर शंकराचार्य जी सनातन धर्मियों को सन्देश देते हुए कहा कि अधिक से अधिक संख्या में आकर लोग दर्शन करें,यहां तीर्थाटन की दृष्टिकोण से आएं कष्ट सहने की भावना रखें,यात्रा के समय अपने खान-पान पर विशेष ध्यान रखें, मौन रहें और निरन्तर भगवन्नाम संकीर्तन करते हुए भगवान के दर्शन करें ,साथ ही पर्यावरण को कोई नुकसान ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखें।पूज्य शंकराचार्य जी महाराज ने आगे कहा कि यहां आकर हम सबको आध्यात्मिक आनन्द प्राप्त करना चाहिए,आध्यात्मिक आनन्द और लौकिक में केवल इतना अन्तर है कि लौकिक आनन्द क्षणिक है और आध्यात्मिक आनन्द पूरे जीवन भर हमें शान्ति प्रदान करता है , उस अनुभूति को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता इसलिए यहां आकर इस को अनुभूत करना चाहिए।
अगले छह महीने तक मनुष्यों की ओर से मुख्य पुजारी श्री अमरनाथ नम्बूदरी जी भगवान बदरीविशाल की पूजा करेंगे।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से सर्वश्री:- निवर्तमान रावल ईश्वरप्रसाद नम्बूदरी ,प्रत्यक्चैतन्यमुकुन्दानन्द गिरि,स्वामी संविदानन्द गिरि,श्रीनिधिरव्यानन्द सागर,अप्रमेयशिवसाक्षात्कृतानन्द गिरि,शारदानन्द ब्रह्मचारी ,वेदपाठी रवीन्द्र भट्ट ,वेदपाठी अमित बन्दोलिया,जिलाधिकारी संदीप तिवारी ,मन्दिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल ,ज्योतिर्मठ के सी ई ओ चन्द्रप्रकाश उपाध्याय ,पंकज मोदी ,अनिल भारद्वाज ,बृजेश सती ,भास्कर डिमरी ,उमेश सती ,सुदीप अग्रवाल ,राजेश मेहता ,कमलेश कुकरेती ,अमित तिवारी ,वाणी विलास डिमरी ,दीपक शर्मा ,भवानन्द ब्रह्मचारी जी आदि उपस्थित रहे।








