मुंबई में बाबुलनाथ महादेव मंदिर में भी श्री काशी विश्वनाथ महादेव विग्रह दशकों पूर्व से स्थापित हैं। नवंबर 2024 में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री विश्व भूषण ने बाबुलनाथ महादेव के दर्शन किए थे। उस समय मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने मंदिर में श्री काशी विश्वनाथ महादेव विग्रह को स्थापित देखने पर यह जिज्ञासा प्रकट की थी कि क्या इनका रामेश्वरम के जल से अभिषेक किया गया है? ध्यातव्य है कि श्री काशी विश्वनाथ महादेव का रामेश्वरम के जल से अभिषेक करने की परंपरा है। रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग में भी हनुमान जी द्वारा लिए गए शिवलिंग की स्थापना प्रभु श्री राम द्वारा की गई है। रामेश्वरम में प्रथम दर्शन श्री काशी विश्वनाथ महादेव का ही किया जाता है। तब से ही श्री काशी विश्वनाथ महादेव का जलाभिषेक रामेश्वरम के जल से किए जाने की परंपरा है। बाबुलनाथ महादेव मंदिर में स्थापित श्री काशी विश्वनाथ महादेव विग्रह का अभिषेक अब तक रामेश्वरम के जल से नहीं किया गया था। यह ज्ञात होने पर माह नवंबर 2024 में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने यह संकल्प लिया था कि वह स्वयं रामेश्वरम के जल से अभिषेक कर यह शेष रह गया कार्य पूर्ण करेंगे। आज 24 अप्रैल 2025 को विरुथनी एकादशी के पावन अवसर पर यह पुण्य कार्य संपन्न किया गया। काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आज रामेश्वरम का जल ले कर बाबुलनाथ महादेव मंदिर में आए और बाबुलनाथ मंदिर न्यास से समन्वय कर यह धार्मिक आचार विधि विधान पूर्वक संपन्न किया गया। इस प्रयोजन से रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग धाम से रामेश्वरम मंदिर के जमीनदार परिवार के प्रतिनिधि श्री सी आर एम अरुणाचलम द्वारा चेन्नई से रामेश्वरम पहुंच कर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को रामेश्वरम जल का कलश भेंट किया गया था। इसी जल से आज का जलाभिषेक संपन्न किया गया। यह आयोजन उत्तर में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से सुदूर दक्षिण के रामेश्वरम धाम का जल ले कर मुंबई के बाबुलनाथ महादेव मंदिर में स्थापित श्री काशी विश्वनाथ महादेव विग्रह के जलाभिषेक के आयोजन से सनातन धर्म के द्वारा संपूर्ण भारत की राष्ट्रीय एकता का सूत्र भी परिलक्षित हुआ। यह स्वयं में स्पष्ट भी करता है कि भारत की राष्ट्रीयता सनातन धर्म से ही अभिव्यक्त एवं पुष्ट होती है।
।।श्री काशीविश्वनाथो विजयतेतराम।।