
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक रमानाथ झा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आज मेल के जरिए पत्र भेजकर
मांग की है कि बिजली के निजीकरण में चल रही प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को देखते हुए वे प्रभावी हस्तक्षेप करें।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने अपने पत्र में कहा है कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर पूरे देश को आपसे उम्मीद है। हम उम्मीद करते हैं कि आप इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने मुख्यमंत्री से प्रभावी हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा है, अगर झूठा शपथ पत्र दिया गया हो तो कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन की अवैधानिक रिपोर्ट के आधार पर एनर्जी टास्क फोर्स की 16 मई की मीटिंग में 42 जनपदों के निजीकरण के बिडिंग डॉक्यूमेंट को अंतिम रूप किसी भी स्थिति में न दिया जाय।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने लिखा है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आने वाले 42 जनपदों के निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसलटेंट मेसर्स ग्रांट थॉर्टन की फरवरी 2025 में नियुक्ति की गई है। इस संबंध में कई व्हीसल ब्लोअर द्वारा चौंकाने वाले तथा सामने आए हैं।
पत्र में लिखा गया है कि कंसल्टेंट नियुक्त करने हेतु जारी किए गए आरएफपी डॉक्यूमेंट में यह उल्लेख किया गया था कि टेंडर में भाग लेने वाली कंपनी के विरुद्ध विगत तीन वर्षों में कोई पेनल्टी नहीं होनी चाहिए। यह विदित हुआ है कि नियुक्त किए गए कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन पर अमेरिका में रेगुलेटर द्वारा 40000 डॉलर की वर्ष 2024 में पेनल्टी लगाई गई थी और इस कंपनी को सेंसर किया गया था ।
ग्रांट थॉर्टन ने अपने शपथ पत्र में यह उल्लेख किया था कि उसके ऊपर विगत तीन वर्षों में कोई पेनल्टी नहीं लगाई गई है। अब यह तथ्य सामने आ गया है कि वर्ष 2024 में ग्रांट थॉर्टन के विरुद्ध अमेरिका में रेगुलेटर द्वारा 40000 डॉलर की पेनल्टी लगाई गई है । जब ग्रांट थॉर्टन से पॉवर कारपोरेशन द्वारा यह पूछा गया कि क्या यह सत्य है कि उस पर अमेरिका के रेगुलेटर द्वारा पेनल्टी डाली गई है तो उसने स्वीकार कर लिया कि हां उस पर पेनल्टी लगाई गई है।
व्हीसल ब्लोअर के अनुसार कंसल्टेंट नियुक्त करने हेतु इंजीनियर ऑफ कांट्रैक्ट ने ग्रांट थॉर्टन द्वारा पेनल्टी लगाने की स्वीकारोक्ति के बाद फाइल पर यह स्पष्ट नोटिंग की है की ग्रांट थॉर्टन पर कार्यवाही की जाए ।
लगभग एक माह से अधिक समय व्यतीत होने जा रहा है और पावर कारपोरेशन का शीर्ष प्रबंधन फाइल को दबाए बैठा है और कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है ।
इसके विपरीत 16 मई को एनर्जी टास्क फोर्स की हो रही बैठक में ग्रांट थॉर्टन द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु बनाए गए बिडिंग डॉक्यूमेंट का प्रस्तुतीकरण किया जा रहा है जिसे एनर्जी टास्क फोर्स की इस बैठक में अंतिम रूप भी दिया जा सकता है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के संज्ञान में है और अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन के साथ उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बैठक करने से स्पष्ट दया इनकार कर दिया है। कितनी विडम्बना है कि अब इसी कंसल्टेंट के साथ निजीकरण के मसौदे पर एनर्जी टास्क फोर्स की मीटिंग हो रही है।
व्हीसल ब्लोअर के अनुसार यह सारी प्रक्रिया पूरी तरह से अवैधानिक है और मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के सर्वथा विपरीत है ।