
*माहवारी के समय पर्सनल हाइजीन औऱ जननाँग सम्बंधित समस्याओं का समाधान कर बांझपन से मिल सकती है मुक्ति*
सेवापुरी स्वास्थ्य केंद्र के *प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ अमित सिंह* ने बताया कि जनपद में स्वास्थ्य विभाग *मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी* के निर्देशन में दिन प्रतिदिन नई ऊचाईयों को छू रहा है| आज का जो समय चल रहा है इसमें लोगों की व्यस्तता इतनी ज्यादा बढ़ती जा रही है कि सभी की जीवनशैली में परिवर्तन देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से आम जनमानस तनाव से ग्रसित हो रहा है| इसका सीधा असर पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में देखने को मिल रहा है| डॉ शालिनी के प्रयासों से 15 परिवारों में ख़ुशी का माहौल है| हमारा यह प्रयास है कि आने वाले समय में आम जनमानस को उच्च स्वास्थ्य सेवायें मिलती रहेंगी|

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेवापुरी में कार्यरत *महिला चिकित्सा अधिकारी डॉ शालिनी शर्मा* ने बताया कि ब्लाक सेवापुरी के अंतर्गत आने वाली कई ऐसी ग्रामीण महिलाओं ने मुझे ओपीडी में दिखाया, जिनको कई वर्षों से बच्चा नहीं हो रहा था| महिलाओं से पूंछने पर ज्ञात हुआ कि अधिकतर महिलायें जननाँग सम्बंधित समस्या से ग्रसित हैँ जैसे पानी जाना, माहवारी का अनियमित आना और कई ऐसी बीमारियां जो उनके खानपान दिनचर्या इत्यादि से संबंधित हैं।
*डॉ शालिनी* ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी में आने वाली लगभग 50 से ऊपर ऐसी महिलायें हैँ जिन्हें बच्चा नहीं हो रहा था| ओपीडी में देखने के बाद मैंने उनकी जाँच करायी, जाँच के बाद मैंने उनका इलाज करना शुरू किया| इलाज के उपरांत 15 महिलाएं गर्भवती होकर, स्वस्थ शिशु को जन्म दे चुकी हैं, और 28 महिलाओं का इलाज चल रहा है|

गाँव नेवादा निवासी 22 वर्षीय मन देवी की शादी को तीन वर्ष हो गये थे, और बच्चा नहीं हो रहा था, वह 2022 में दिखाने आई थी, ओपीडी में देखने के बाद मैंने जाँच कराई और इलाज शुरू किया, इलाज शुरू होने के लगभग 1 वर्ष बाद वह गर्भवती हुई और आज मन देवी को 2 बच्चे हैं| इसी तरह घोशिला निवासी 26 वर्षीय प्रिया पाण्डेय को भी शादी के 2 वर्षों के बाद भी बच्चा नहीं हो रहा था| उसने ओपीडी में मुझे 2024 में दिखाया था| देखने के बाद मैंने जाँच के बाद प्रिया का इलाज शुरू किया, 8 महीने में वह गर्भवती हो गई और 11 मार्च 25 को सुरक्षित प्रसव हुआ| आज दोनों परिवारों में ख़ुशी का माहौल है, जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं|

इस प्रकार यदि सही दिशा में काउन्सलिंग, माहवारी के समय पर्सनल हाइजीन औऱ जननाँग सम्बंधित समस्या का समाधान किया जाये तो अधिकांश महिलायें जो बांझपन से जूझ रही हैँ वो निश्चित रूप से गर्भवती हो सकती हैँ|









