

भारत, पाकिस्तानियों से शादी रचाकर भारत में रह रही मुस्लिम महिलाओं को लेकर आजकल सोशल मीडिया पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर अनगिनत लोग ऐसी महिलाओं को तुरंत पाकिस्तान भेजने की मांग भी कर रहे हैं। अब सवाल उठता है कि क्या मौजूदा कानून में बदलाव किए बिना ऐसा संभव है क्या? तो आईए जानते हैं इसी पर आधारित काशी संदेश की इस स्पेशल स्टोरी में कि किन किन नियमों का पालन कर किस कानून के तहत आजतक होता आ रहा यह विवाह। जिसपर अब सवाल उठने शुरू हो चुके हैं। यह भी सच है कि हिंदू बच्चियों के लिए नर्क बन चुके पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी लगातार घट रही है, तो वहीं भारत में मुस्लिम आबादी भी तेजी से बढ़ती जा रही है।

आखिर क्या है विशेष विवाह अधिनियम 1954
दरअसल भारतीय महिलाएं पाकिस्तानी पुरुषों से शादी करके भारत में रहने का अधिकार विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत प्राप्त कर लेती हैं। पाकिस्तानी लोगों से शादी के बाद इससे जुड़े अन्य संबंधित कानूनों का पालन करके वे भारत में रहने और नागरिकता के लिए आवेदन कर सकती हैं। इस कानून के तहत कुछ प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद उन्हें भारतीय नागरिकता भी मिल सकती है।
क्या है विवाह की वैधता

कानून के जानकार बताते हैं कि
भारतीय कानून के अनुसार, किसी भी बालिग व्यक्ति को अपनी पसंद के साथी से शादी करने का अधिकार है, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, क्षेत्र या देश से क्यों न हो। बस इसी का फायदा उठाकर हजारों मुस्लिम महिलाएं भी भारत में रह रही हैं जो पाकिस्तान के लोगों से निकाह भी कर चुकी हैं। इस दौरान उन्हें भारत की तमाम सरकारी योजनाओं का भी सीधा लाभ मिल रहा है।
स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत मिलता है अधिकार
दरअसल 1954 में बने स्पेशल विवाह अधिनियम (Special Marriage Act 1954) के तहत भारतीय नागरिक और विदेशी नागरिक के बीच भी शादी की जा सकती है। इस कानून के तहत किसी पाकिस्तानी से भारतीय महिला की शादी को भी जायज ठहराया जाता है।
नागरिकता के लिए आवेदन

शादी के बाद, विदेशी पत्नी भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकती है। इसके लिए कुछ प्रक्रियाएं पूरी करनी होती हैं, जिसमें भारतीय कानून के अनुसार दस्तावेजों का सत्यापन और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करना आदि इसमें शामिल है।
विदेशी पत्नी को मिलने वाले अधिकार
भारतीय कानून के तहत यदि विदेशी पत्नी को भारतीय नागरिकता मिल जाती है, तो उसे भारत में रहने, काम करने और अन्य नागरिकों के समान पूरे अधिकार भी प्राप्त हो जाते हैं।

अन्य कानूनी पहलू
हम सभी जानते हैं मुस्लिम धर्म में कई शादी करने का रिवाज है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पहले से शादीशुदा कोई यहां भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकता है तो जान लीजिए यदि विदेशी पत्नी पहले से शादीशुदा है, तो उसे अपनी पिछली शादी का तलाक प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत करना होगा।
भारतीय लोगों एवं हिंदू संगठनों की मांग

अनगिनत भारतीय नागरिकों और हिंदू संगठनों से जुड़े तमाम लोग अब सोशल मीडिया पर मांग करते देखे जा रहे हैं कि यह बेहद पुराना कानून है। इस कानून से पाकिस्तानी सोच को बढ़ावा मिल रहा और मूल भारत के गरीब लोगों का हक भी मारा जा रहा। पाकिस्तान के लोगों से शादी करने के बावजूद यहां रह रही महिलाएं सरकारी सुविधाओं जैसे आयुष्मान कार्ड, निःशुल्क अनाज योजना, पीएम आवास योजना समेत तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ भी खूब ले रही हैं। पाकिस्तान भारत को सर्वदा दुश्मन मानता आया है। इसलिए दुश्मन देश पाकिस्तान को लेकर अब भारत की रणनीति भी बदलनी होगी। क्योंकि सर्वाधिक ऐसे मामले सिर्फ पाकिस्तान से ही जुड़े हैं किसी अन्य देश से नहीं। ऐसे में भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए आगे खतरा न उत्पन्न हो जाए इसलिए इस कानून में तुरंत बदलाव करने की जरूरत है।








