*पत्नी ने सास, ससुर, पति को मृत दिखाकर मकान अपने नाम कराने की, की थी कोशिश*
*कर अधीक्षक ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर किया था निर्णय, को प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ निलम्बित करने हेतु शासन को लिखा पत्र*
*फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने वाली महिला के विरूद्ध दर्ज होगी प्राथमिकी*
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने भवन संख्या-एस0 3/12 व 3/14 मोहल्ला डिठोरी महाल, अर्दली बाजार पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर नाम चढ़ाने के आरोप में कर अधीक्षक श्री मुन्ना राम, को प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुये निलम्बन करने की संस्तुति पत्र शासन को भेजा गया है, साथ ही अग्रिम आदेश तक वेतन रोक दिया गया। साथ ही संलिप्तता के आरोप में तत्कालीन क्षेत्रीय कर निरीक्षक, द्वितीय श्रेणी कुंवर विक्रम सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। इस प्रकरण में विगत दिनों एक व्यक्ति विनोद कुमार सिंह ने नगर आयुक्त से मिलकर आवेदन किया कि श्रीमती अर्पणा सिंह जोनल कार्यालय वरूणापार में भवन संख्या-एस0 3/12 व 3/14 मोहल्ला डिठोरी महाल, अर्दली बाजार के मकान पर अपने ससुर श्री प्रमोद कुमार सिंह उनकी पत्नी राजकुमारी सिंह व उनके पति श्री मनीष सिंह को मृत दिखलाकर अपने नाम से मकान पर नाम चढ़ाने हेतु आवेदन किया था,
जिस पर नगर निगम द्वारा कार्यवाही करते हुये श्रीमती अर्पणा सिंह के नाम मकान कर दिया गया, जो पूर्णतया गलत है तथा प्रमोद कुमार सिंह सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त होकर अभी पेंशन ले रहे हैं, वहीं मनीष सिंह एक नामी कम्पनी में एम0डी0 के पद पर कार्यरत हैं। विनोद कुमार सिंह द्वारा पत्रावली की पुनः जॉच कराने की मांग की गयी। नगर आयुक्त ने प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये पत्रावली की जांच करायी गयी, तथा जॉच में पाया गया कि श्रीमती अर्पणा द्वारा कूटरचित प्रकार से जौनपुर नगर पालिका से तीनो के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर प्रस्तुत किया गया, जिसे जॉच में फर्जी पाया गया, तथा नामान्तरण हेतु अन्य अभिलेख भी फर्जी लगाये गये थे।
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने श्रीमती अर्पणा सिंह के विरूद्ध कुटरचित दस्तावेज लगाकर तथा जीवित व्यक्ति को मृत घोषित करने के आरोप में जोनल अधिकारी वरूणापार को श्रीमती अर्पणा सिंह के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ0आई0आर0) दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। साथ ही तत्कालीन कर अधीक्षक मुन्ना राम के द्वारा अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर धारा-213 की नोटिस अपने हस्ताक्षर से जारी किया गया था, जिसके आरोप में नगर आयुक्त के द्वारा प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुये अग्रिम आदेश तक उनका वेतन रोका गया है साथ ही उनके निलम्बन हेतु शासन को पत्र प्रेषित किया गया। नायब मोहर्रिर कुंवर विक्रम सिंह की संलिप्तता पायी गयी, जिनके द्वारा अपने व्यक्तिगत हितों को ध्यान में रखकर गलत तरीके से नामान्तरण हेतु प्रस्ताव दिया गया था, को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है।