सीजीएसटी मुख्यालय, लखनऊ में कल आयोजित , जिसमे खुल कर जीएसटी के अधिकारियो के कानून को ताक पर रख कर मनमाना करने की बात रखी |

बैठक में प्रिंसिपल चीफ कमिशनर, सीजीएसटी प्रमोद कुमार, उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त जीएसटी कमिशनर डॉ नितिन बंसल, कमिशनर ऑडिट- मंजूर अली अंसारी, एडिशनल कमिशनर, सीजीएसटी, लखनऊ जोन- ऋतुराज गुप्ता, कमिशनर अपील. संजय कुमार सिंह, सुपरिटेंडेंट विशाल श्रीवास्तव, टैक्स अस्सिटेंट अमर अग्रवाल आदि तमाम वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे |

देव भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे प्रदेश में *उधमियो और व्यापारियों की गाड़ियों को तकनीकी त्रुटी  (TECHNICAL ERROR) के नाम पर जो रोका जा रहा है, और जबरदस्ती पेनाल्टी जमा कराया जा रहा है, वो सरासर गलत है, उधमी और व्यापारी इससे परेशान है,* क्योकि अधिकतर गाड़ियाँ बाद में अपील से छूट जा रही है, इससे राजस्व में कोई फायदा नहीं हो रहा सिर्फ व्यापारी मानसिक रूप से परेशान हो रहा है, और ये उद्योग व व्यापार के हित में नहीं है, विभाग की छवी धूमिल हो रही है क्योकि दिनाक 14.09.2018 के सर्कुलर के अनुसार तकनीकी त्रुटी ( TECHNICAL ERROR) होने पर मात्र 500/- से 1000/- तक ही पेनाल्टी का प्राविधान है, जिसे मोबाइल स्काट के अधिकारी पालन नहीं कर रहे | *इसपर जीएसटी कमिशनर डॉ नितिन बंसल, ने कहा की आगे से इस तरह की किसी भी सुचना पर वे इसपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करेंगे,* साथ में  देव भट्टाचार्य ने ये भी कहा कि जीएसटी में अधिकारियो को किसी उधमी या व्यापारी के फर्म में टैक्स कम जमा होने के संदेह पर सर्वप्रथम धारा-61 में नोटिस जारी करने का प्राविधान है, फिर उस नोटिस का जवाब 30 दिन में आने के उपरांत संतुष्टि न होने पर ही फैक्ट्री या दुकान में जाँच करने जाना चाहिए, परन्तु ऐसा अधिकतर जगह नहीं हो रहा है | इसपर एक पुनः एक कड़ा निर्देश जारी होना चाहिए |
और *निर्यातको, उधमी और व्यापारियों का जमा जीएसटी का टैक्स आसानी से रिफंड नहीं होता है, बहुत समय लगता है, जब तक व्यापारी विभाग के सैकड़ों चक्कर लगा नहीं लेता व जमा टैक्स वापस करने के लिए सेवा शुल्क नहीं दे देता तब तक उसका धनराशी रिफंड नहीं होता,* इससे प्रदेश के व्यापारियों की एक अच्छी कार्यशील पूजी विभाग में फँसी रहती है जिससे उनका व्यापार बहुत प्रभावित होता है| आयकर विभाग की तरह ही  एक वयवस्था जीएसटी विभाग में भी बने की व्यापारी  का टैक्स स्वतः ही निश्चित समय के अन्दर उसके खाते में जमा हो जाये | इस पर जीएसटी कमिशनर डॉ नितिन बंसल,ने कहा की जीएसटी में समस्त केस में मात्र 60 दिन के अन्दर व्यापारियों का रिफंड करने का प्राविधान है, अगर कही से शिकायत आती  है तो कृपया उन्हें सूचित किया जाय वे तुरंत उसको रिफंड करवाएंगे |